दोस्तों UPTGT 2020 , UP TGT 2020 PGT 2020 Exam- टीजीटी और पीजीटी परीक्षा के लिए हम यहां आपको प्राचीन इतिहास के पाषाण कालीन पूर्व ऐतिहासिक के कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को लेकर क्या है और उम्मीद करते हैं की आने वाली उत्तर प्रदेश टीजीटी और पीजीटी परीक्षा में आपको इन बिंदुओं से काफी सहायता मिलेगी
टीजीटी पीजीटी परीक्षा के लिए प्राचीन इतिहास के महत्वपूर्ण प्रश्न
- भारत में मानव अस्तित्व के प्राचीनतम अस्तित्व के संकेत पत्थर के औजारों से मिलते हैं
- निम्न पुरापाषाण काल के उपकरणों में हस्त कुठार विदारण (क्लीवर) और खंडक (चॉपर) प्रमुख थे
- निम्न पुरापाषाण काल का मानव का बसाव गंगा यमुना के मैदान तथा सिंधु के कटारी मैदानों तक नहीं हुआ था
- फलको की अधिकता के कारण मध्य पुरापाषाण काल को फलक संस्कृति की संज्ञा दी गई है
- मध्य पुरापाषाण काल में काटने के औजारों की प्रधानता मिलती है
- उच्च पुरापाषाण काल तक हड्डी के उपकरणों की प्रधानता ब ढ़गई थी
- उच्च पुरापाषाण काल में नक्काशी तथा चित्रकारी दोनों रूप में कला का विकास हुआ जिसे भीमबेटका में देखा जा सकता है इसमें गहरे लाल तथा हरे रंग का प्रयोग हुआ है
- मध्य पाषाण काल में ही तीर कमान तकनीकी का विकास हुआ
- पशुपालन का प्रारंभिक साक्ष्य मध्य पाषाण काल में मिलता है
- मध्य प्रदेश के आदमगढ़ राजस्थान के बागोर में पशुपालन के प्राचीनतम साक्ष्य मिलते हैं
- उच्च पूरापाषाण काल तक मानव अग्नि कृष तथा पशुपालन से परिचित नहीं था ना ही बर्तनों का निर्माण करना जानता था
- पाषाण काल को तीन भागों में बांटा जा सकता है एक- पुरापाषाण काल दो मध्य पाषाण काल 3 नव पाषाण काल
- पुरापाषाण काल को भी तीन भागों में बांटा जा सकता है 1. निम्न पुरापाषाण काल 2. मध्य पुरापाषाण काल 3. उच्च पुरापाषाण काल
- मानवीय आक्रमण या युद्ध का प्रारंभिक साक्ष्य सराय नाहर राय से प्राप्त हुआ है
- महादहा के किसी न किसी समाधि में स्त्री को पुरुष के साथ दफनाए जाने के साक्ष्य मिलते हैं
- दक्षिण के नवपाषाण स्थल से गौशाला का प्रमाण मिलता है\
- मेहरगढ़ से कृषि के प्रारंभिक साक्ष्य मिलते हैं
- कोलडीहवा से धान की खेती के प्राचीनतम साक्ष्य मिलते हैं
- दक्षिण भारत में प्रयुक्त होने वाली पहली फसल रागी थी
- निवासा से कलश शवाधान के साक्ष्य प्राप्त मिलते हैं
भीमबेटका
मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित इस पहाड़ी से मनुष्य के गुफा वास का प्रमाण मिलता है यहां से प्राप्त 500 गुफा चित्रों में 5 गुफा चित्र पुरापाषाण काल के तथा शेष चित्र मध्य पाषाण काल के हैं इन गुफा चित्रों की महत्ता को प्रकाश में लाने का श्रेय श्री वाकणकर महोदय को जाता है भीमबेटका से कुछ नीले रंग के पाषाण खंड मिले हैं
भारतीय संविधान के 55 महत्वपूर्ण प्रश्न
बेलन घाटी क्षेत्र
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर और इसके समीपवर्ती क्षेत्रों में विस्तृत बेलन घाटी क्षेत्र में पाषाण युग इन 44 क्षेत्रों की खोज की गई है भारतीय उपमहाद्वीप का एक ऐसा क्षेत्र है जहां से तीनों चरण के प्रमाण मिलते हैं यहां से पाषाण युग के क्रमिक विकास को बताया जा सकता है
सोहन घाटी नदी
शिवालिक के सामने सोहंग नदी घाटी से निम्न पुरापाषाण कालीन उपकरण प्राप्त हुए हैं भारत में सबसे पुराने हस्त कुठार गणेशा खंडक की प्राप्ति इसी क्षेत्र से हुई है यहां से फलक उद्योग का प्रमाण मिलता है
सराय नहर राय
उत्तर प्रदेश में स्थित इस स्थल से 11 मानव कंकाल प्राप्त हुए जिससे प्रतीत होता है कि यहां काकेशस प्रजाति और प्रोटोन ऑडी रेस के लोग रहते थे यहीं से क्रम में 8 चूल्हे प्राप्त हुए हैं जिन्हें सामुदायिक चूल्हा कहा गया है
मेहरगढ़
वर्तमान पाकिस्तान में स्थित इस स्थल के उत्खनन से तीन सांस्कृतिक चरण नवपाषाण कालीन, हड़प्पा पूर्व और हड़प्पा स्तर प्राप्त होते हैं
तो यह थी पूर्व ऐतिहासिक काल की प्राचीन भारत की या प्राचीन भारतीय इतिहास के कुछ तथ्यों की जानकारी उम्मीद करते हैं कि यह पोस्ट आपको पसंद आई होगी अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई हो तो कृपया इसे अधिक से अधिक लोगों के बीच में शेयर करें हम आपके बेहतर भविष्य की कामना करते हैं