भारतीय संविधान की 12 अनुसूचियां (Schedules) भारतीय संविधान में विभिन्न प्रकार के प्रावधानों को व्यवस्थित और संगठित करने के लिए तैयार की गई हैं। ये अनुसूचियां संविधान में दी गई विभिन्न धाराओं की स्पष्टता और प्रासंगिकता को सुनिश्चित करती हैं। कुल मिलाकर, भारतीय संविधान की 12 अनुसूचियां हैं, जिनमें से प्रत्येक का अपना विशिष्ट उद्देश्य है।
यहां भारतीय संविधान की 12 अनुसूचियों के बारे में जानकारी दी जा रही है:
1. पहली अनुसूची (First Schedule)
- विवरण: इसमें भारतीय संघ और राज्यों के नाम और उनकी सीमाओं का विवरण दिया गया है। यह अनुसूची यह निर्धारित करती है कि कौन से राज्य और संघ प्रदेश भारतीय संघ का हिस्सा हैं।
- उदाहरण: उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र आदि।
2. दूसरी अनुसूची (Second Schedule)
- विवरण: इसमें भारतीय राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यपाल, न्यायपालिका के सदस्य (जज), और अन्य उच्च अधिकारियों के वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाओं का विवरण दिया गया है।
- उदाहरण: राष्ट्रपति का वेतन, राज्यपाल का वेतन।
3. तीसरी अनुसूची (Third Schedule)
- विवरण: इसमें उन शपथों और हलफनामों का विवरण है, जिन्हें विभिन्न सार्वजनिक पदों पर नियुक्त व्यक्तियों को शपथ लेने के समय लेना होता है।
- उदाहरण: राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, न्यायाधीश आदि की शपथ।
4. चौथी अनुसूची (Fourth Schedule)
- विवरण: यह अनुसूची राज्यसभा (Council of States) के लिए राज्यों द्वारा प्रतिनिधि सदस्य संख्या को निर्धारित करती है। यह यह बताती है कि हर राज्य और संघ प्रदेश को राज्यसभा में कितने सदस्य भेजने का अधिकार है।
- उदाहरण: उत्तर प्रदेश को 31 सदस्य, बिहार को 16 सदस्य आदि।
5. पाँचवीं अनुसूची (Fifth Schedule)
- विवरण: यह अनुसूची अनुसूचित क्षेत्रों (Scheduled Areas) और अनुसूचित जनजातियों (Scheduled Tribes) से संबंधित प्रावधानों को निर्धारित करती है। इसमें उन क्षेत्रों के लिए विशेष प्रशासनिक उपायों का विवरण है जहां जनजातियाँ या विशेष समुदाय रहते हैं।
- उदाहरण: आदिवासी क्षेत्रों में विशेष कानून और संरक्षण।
6. छठी अनुसूची (Sixth Schedule)
- विवरण: यह अनुसूची असम, मेघालय, मणिपुर और त्रिपुरा के पहाड़ी क्षेत्रों में स्वायत्त जिला परिषदों और स्वायत्तता का प्रावधान करती है।
- उदाहरण: नागा हिल्स, मिजो हिल्स।
7. सातवीं अनुसूची (Seventh Schedule)
- विवरण: यह अनुसूची संघ और राज्य के बीच शक्तियों और कर्तव्यों के वितरण को निर्धारित करती है। इसमें तीन सूची हैं:
- संघ सूची (Union List)
- राज्य सूची (State List)
- संविधान सूची (Concurrent List)
- उदाहरण: शिक्षा, पुलिस, सड़कें आदि।
8. आठवीं अनुसूची (Eighth Schedule)
- विवरण: यह अनुसूची भारतीय भाषाओं की सूची प्रदान करती है। इसमें उन भाषाओं का विवरण है जिन्हें भारतीय संविधान में आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त है।
- उदाहरण: हिंदी, अंग्रेजी, बंगाली, तेलुगु आदि।
9. नौवीं अनुसूची (Ninth Schedule)
- विवरण: यह अनुसूची उन कानूनों को सूचीबद्ध करती है जिन्हें न्यायिक समीक्षा से बाहर रखा जाता है। इस सूची में वे कानून आते हैं जो सामाजिक और आर्थिक सुधारों से संबंधित होते हैं।
- उदाहरण: भूमि सुधार से संबंधित कानून।
10. दसवीं अनुसूची (Tenth Schedule)
- विवरण: इसे “एंटी-डिफेक्शन लॉ” (Anti-Defection Law) के रूप में भी जाना जाता है। यह उन विधायकों और सांसदों के लिए नियमों का निर्धारण करती है जो पार्टी बदलने या डिफेक्ट (defect) करने पर अयोग्य हो जाते हैं।
- उदाहरण: विधायक और सांसदों की पार्टी बदलने पर अयोग्यता।
11. ग्यारहवीं अनुसूची (Eleventh Schedule)
- विवरण: यह अनुसूची पंचायती राज संस्थाओं के लिए संघ और राज्य सरकारों द्वारा स्थानांतरित किए गए कर्तव्यों और शक्तियों की सूची प्रदान करती है। इसमें 29 विषयों की सूची है।
- उदाहरण: जल आपूर्ति, कृषि, शिक्षा, आदि।
12. बारहवीं अनुसूची (Twelfth Schedule)
- विवरण: यह अनुसूची नगर पालिका (Municipalities) के लिए संघ और राज्य सरकारों द्वारा स्थानांतरित किए गए कर्तव्यों और शक्तियों की सूची प्रदान करती है। इसमें 18 विषयों की सूची है।
- उदाहरण: जल आपूर्ति, ठोस कचरा प्रबंधन, सार्वजनिक स्वास्थ्य आदि।
इनभारतीय संविधान की 12 अनुसूचियां- अनुसूचियों का उद्देश्य संविधान के विभिन्न प्रावधानों को स्पष्ट और संगठित तरीके से लागू करना है, ताकि भारतीय संविधान का कार्यान्वयन और संचालन आसान और प्रभावी हो सके।
भारतीय संविधान की 12 अनुसूचियां – Table Form
भारतीय संविधान की 12 अनुसूचियां 1 से 12 |
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पहली अनुसूची – राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और उनके प्रदेशों की सूची इसमें भारतीय संघ के घटक राज्यों (28 राज्य) एवं संघ शासित (8) क्षेत्रों का उल्लेख है. |
द्वितीय अनुसूची – राष्ट्रपति, राज्यपालों, राज्यों के अध्यक्ष, अध्यक्ष और लोक सभा के उपाध्यक्ष और राज्यों की परिषद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष और विधान सभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष और अध्यक्ष किसी राज्य के विधान परिषद के उपाध्यक्ष, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश और उच्च न्यायालय और भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों और उनके क्षेत्रों की सूची। इसमें भारत राज-व्यवस्था के विभिन्न पदाधिकारियों (राष्ट्रपति, राज्यपाल, लोकसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, राज्य सभा के सभापति एवं उपसभापति, विधान सभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, विधान परिषद के सभापति एवं उपसभापति, उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों और भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक आदि) को प्राप्त होने वाले वेतन, भत्ते और पेंशन का उल्लेख किया गया है. |
तीसरी अनुसूची – शपथ का प्रारूप। इसमें विभिन्न पदाधिकारियों (राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, मंत्री, उच्चतम एवं उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों) द्वारा पद-ग्रहण के समय ली जाने वाली शपथ का उल्लेख है. |
चौथी अनुसूची – राज्यों की परिषद में सीटों के आवंटन का प्रावधान। इसमें विभिन्न राज्यों तथा संघीय क्षेत्रों की राज्य सभा में प्रतिनिधित्व का विवरण दिया गया है. |
पांचवीं अनुसूची – अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन और नियंत्रण का प्रावधान। इसमें विभिन्न अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजाति के प्रशासन और नियंत्रण के बारे में उल्लेख है. |
छठी अनुसूची – असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों में जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन के प्रावधान। इसमें असम, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम राज्यों के जनजाति क्षेत्रों के प्रशासन के बारे में प्रावधान है. |
सातवीं अनुसूची – संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची। (1) संघ सूची: इस सूची में दिए गए विषय पर केंद्र सरकार कानून बनाती है. संविधान के लागू होने के समय इसमें 97 विषय थे, वर्तमान समय में इसमें 98 विषय हैं. (2) राज्य सूची: इस सूची में दिए गए विषय पर राज्य सरकार कानून बनाती है. राष्ट्रीय हित से संबंधित होने पर केंद्र सरकार भी कानून बना सकती है. संविधान के लागू होने के समय इसके अन्तर्गत 66 विषय थे, वर्तमान समय में इसमें 62 विषय हैं. (3) समवर्ती सूची: इसके अन्तर्गत दिए गए विषय पर केंद्र एवं राज्य दोनों सरकारें कानून बना सकती हैं. परंतु कानून के विषय समान होने पर केंद्र सरकार केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया कानून ही मान्य होता है. राज्य सरकार द्वारा बनाया गया कानून केंद्र सरकार के कानून बनाने के साथ ही समाप्त हो जाता है. संविधान के लागू होने के समय समवर्ती सूची में 47 विषय थे, वर्तमान समय में इसमें 52 विषय हैं. |
समीक्षा अधिकारी कैसे बने – Review Officer kaise bane – RO/ARO kaise bane आठवीं अनुसूची – मान्यता प्राप्त भाषाओं की सूची। Initially 14 Languages were there but now 22 Languages are there in constitution. इसमें भारत की 22 भाषाओँ का उल्लेख किया गया है. मूल रूप से आंठवीं अनुसूची में 14 भाषाएं थीं, 1967 ई० में सिंधी को और 1992 ई० में कोंकणी, मणिपुरी तथा नेपाली को आंठवीं अनुसूची में शामिल किया गया. 2004 ई० में मैथिली, संथाली, डोगरी एवं बोडो को आंठवीं अनुसूची में शामिल किया गया. |
नौवीं अनुसूची – कुछ अधिनियमों और विनियमों के सत्यापन के प्रावधान। संविधान में यह अनुसूची प्रथम संविधान संशोधन अधिनियम, 1951 के द्वारा जोड़ी गई. इसके अंतर्गत राज्य द्वारा संपत्ति के अधिग्रहण की विधियों का उल्लेख किया गया है. इन अनुसूची में सम्मिलित विषयों को न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती है. वर्तमान में इस अनुसूची में 284 अधिनियम हैं. नोट: अब तक यह मान्यता थी कि नौवीं अनुसूची में सम्मिलित कानूनों की न्यायिक समीक्षा नहीं की जा सकती. 11 जनवरी, 2007 के संविधान पीठ के एक निर्णय द्वारा यह स्थापित किया गया कि नौवीं अनुसूची में सम्मिलित किसी भी कानून को इस आधार पर चुनौती दी जा सकती है कि वह मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है तथा उच्चतम न्यायालय इन कानूनों की समीक्षा कर सकता है. |
दसवीं अनुसूची – दलबदल के आधार पर अयोग्यता के प्रावधान। यह संविधान में 52वें संशोधन, 1985 के द्वारा जोड़ी गई है. इसमें दल-बदल से संबंधित प्रावधानों का उल्लेख है. |
ग्यारहवीं अनुसूची – पंचायतों की शक्तियाँ, अधिकार और उत्तरदायित्व। यह अनुसूची संविधान में 73वें संवैधानिक संशोधन (1993) के द्वारा जोड़ी गई है. इसमें पंचायतीराज संस्थाओं को कार्य करने के लिए 29 विषय प्रदान किए गए हैं. |
बारहवीं अनुसूची – नगर पालिकाओं की शक्तियाँ, अधिकार और उत्तरदायित्व। यह अनुसूची 74वें संवैधानिक संशोधन (1993) के द्वारा जोड़ी गई है इसमें शहरी क्षेत्र की स्थानीय स्वशासन संस्थाओं को कार्य करने के लिय 18 विषय प्रदान किए गए हैं. भारतीय संविधान की 12 अनुसूचियां |
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