नहीं दे पाए NDA और CDS फिर भी 42 वर्ष की उम्र तक मौका है सेना में अधिकारी बनने का : जाने क्या है प्रक्रिया

कई युवा NDA और CDS जैसी परीक्षाओं में हिस्सा नहीं ले पाते या उनमें सफल नहीं हो पाते, जिससे भारतीय सेना में अधिकारी बनने का उनका सपना अधूरा रह जाता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि ऐसे अवसरों के निकल जाने के बाद भी आप भारतीय सेना में अधिकारी बन सकते हैं? जी हां, हम बात कर रहे हैं टेरिटोरियल आर्मी (Territorial Army – TA) की। यह उन लोगों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है जो देश सेवा का जज्बा रखते हैं लेकिन किसी कारणवश नियमित सेना में शामिल नहीं हो पाए।

Territorial Army: Guardians Beyond the Border
Territorial Army: Guardians Beyond the Border

टेरिटोरियल आर्मी या प्रादेशिक सेना क्या है?


Territorial Army टेरिटोरियल आर्मी भारतीय सेना की एक इकाई और स्वयंसेवी सेवा है। यह आपको एक आम नागरिक के तौर पर सैन्य अनुभव प्राप्त करने का अवसर देती है। टेरिटोरियल आर्मी का मुख्य उद्देश्य संकटकाल में आंतरिक सुरक्षा का दायित्व लेना, आवश्यकता पड़ने पर नियमित सेना को सहायता प्रदान करना और युवाओं को देश सेवा का मौका देना है।

आप इसे ऐसे समझ सकते हैं कि टेरिटोरियल आर्मी Territorial Army के स्वयंसेवकों को प्रतिवर्ष कुछ दिनों का सैन्य प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर उनकी सेवाएं देश की रक्षा के लिए ली जा सकें। टेरिटोरियल आर्मी ने 1962, 1965 और 1971 के युद्धों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके अलावा, प्राकृतिक आपदाओं के समय आवश्यक सेवाओं को बहाल करने में भी यह सेना अहम भूमिका निभाती है।

टेरिटोरियल आर्मी के स्वयंसेवक साल में आमतौर पर दो-तीन महीने सेवा देते हैं। जरूरत पड़ने पर वे देश की रक्षा के लिए हथियार उठा सकते हैं। इन्हें देहरादून की इंडियन मिलिट्री एकेडमी (IMA) में प्रशिक्षण दिया जाता है। यदि कोई अतिरिक्त सैन्य प्रशिक्षण चाहता है, तो उसका भी विकल्प उपलब्ध है। यह एक तरह से भारतीय सेना को सहयोग देने के लिए बनी एक फोर्स है, जिसे नागरिक कार्यों के लिए भी उपयोग किया जाता है।

भारतीय संविधान सभा द्वारा सितंबर 1948 में पारित प्रादेशिक सेना अधिनियम, 1948 के अनुसार, भारत में अक्टूबर 1949 में प्रादेशिक सेना की स्थापना हुई। महेंद्र सिंह धोनी, कपिल देव, अभिनव बिंद्रा, सचिन पायलट, अनुराग ठाकुर जैसी कई प्रमुख हस्तियां भारतीय सेना में मानद पद पर टेरिटोरियल आर्मी के तहत ही कार्यरत हैं।

टेरिटोरियल आर्मी में अधिकारी कैसे बनें?


भारतीय सेना लगभग हर साल प्रादेशिक सेना अधिकारी (Territorial Army Officer) के पद पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी करती है। यदि आप टेरिटोरियल आर्मी भर्ती 2026 के लिए तैयारी करना चाहते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण है।

शैक्षिक योग्यता:

टेरिटोरियल आर्मी में अधिकारी बनने के लिए उम्मीदवार को किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक (ग्रेजुएशन) की डिग्री प्राप्त होना अनिवार्य है।

आयु सीमा:

आवेदन करने के लिए योग्य उम्मीदवारों की आयु न्यूनतम 18 वर्ष और अधिकतम 42 वर्ष होनी चाहिए। यह आयु सीमा उन लोगों के लिए एक बड़ा अवसर प्रदान करती है, जिनकी आयु नियमित सेना में भर्ती के लिए निर्धारित आयु सीमा से अधिक हो चुकी है।

शारीरिक और चिकित्सकीय मानदंड:

आवेदक को शारीरिक और चिकित्सकीय रूप से स्वस्थ होना चाहिए।

चयन प्रक्रिया:

टेरिटोरियल आर्मी अधिकारी के लिए चयन प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में होती है:

  1. लिखित परीक्षा: जिन उम्मीदवारों के आवेदन पत्र सही पाए जाते हैं, उन्हें लिखित परीक्षा देनी होती है।
  2. स्क्रीनिंग टेस्ट: लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले उम्मीदवारों को स्क्रीनिंग टेस्ट देना होता है।

लिखित परीक्षा का सिलेबस और पैटर्न आमतौर पर नोटिफिकेशन में विस्तार से दिया जाता है।

आवेदन शुल्क:

उम्मीदवारों को आवेदन पत्र के साथ लगभग 200 रुपये का ऑनलाइन शुल्क भुगतान करना होता है।

वेतन:

टेरिटोरियल आर्मी के पदों पर चयनित उम्मीदवारों को 7वें CPC के तहत अच्छा वेतनमान दिया जाता है। वेतनमान आमतौर पर ₹56,100 से ₹1,77,500 तक होता है, साथ में ₹15,500 मिलिट्री सर्विस ग्रेड पे भी मिलता है।


टेरिटोरियल आर्मी उन सभी लोगों के लिए एक शानदार अवसर है जो देश सेवा का सपना देखते हैं और आयु सीमा या अन्य कारणों से नियमित सेना में शामिल नहीं हो पाए। यह आपको अपने नागरिक जीवन को जारी रखते हुए सैन्य अनुभव प्राप्त करने और देश की सुरक्षा में योगदान करने का मौका देती है।

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