डिग्री और डिप्लोमा में क्या अंतर होता है?

आज हम एक बहुत ही ज़रूरी टॉपिक पर बात करेंगे | आज हम आपको बताएँगे कि  डिग्री और डिप्लोमा में क्या अंतर  होता है ? अधिकतर छात्र इस बात से अनभिज्ञ होते है | ये पोस्ट उन्ही छात्रों के लिए लिखी जा रही है | आज के दौर में  हर स्टूडेंट अपनें करियर को सुनिश्चित करनें के लिए कोई डिग्री या डिप्लोमा Course करना चाहता हैं, जिसके Help  से उसको आसानी से Job मिल जाये, परन्तु इन Degree और Diploma करनें के बाद भी आज के दौर में नौकरी की अनिश्चता बनी हुई हैं, प्रत्येक डिग्री दो से लेकर पांच साल की होती है, इनकी फीस भी अधिक होती है, और अब बात करे डिप्लोमा की इसकी अवधि एक से तीन वर्ष की होती है, इसकी फीस डिग्री की तुलना में कम होती है, डिग्री और डिप्लोमा में अंतर यदि आप भी समझना चाहते हैं, तो  इसके बारें में आपको इस पेज पर विस्तार से बता रहे है |

सबसे पहले समय के आधार पर इसे समझते हैं। डिग्री कोर्स 3 से 4 साल का होता है और डिप्लोमा कोर्स 1 से 2 साल का होता है। हिंदी में डिग्री को स्नातक कहा जाता है –  तो आइये जानते हैं कि डिग्री और डिप्लोमा में अंतर क्या है।

अक्सर स्टूडेंट्स इस बात को लेकर परेशान रहते हैं कि उन्हें कोई डिग्री कोर्स करना चाहिए या डिप्लोमा करना चाहिए। डिप्लोमा और डिग्री कोर्स में अंतर होता है। डिप्लोमा तथा डिग्री करने की समयावधि अलग-अलग होती है। डिग्री कोर्स 3 से 4 साल का होता है और डिप्लोमा कोर्स 1 से 2 साल का होता है। तो आइये जानते हैं कि डिग्री और डिप्लोमा में अंतर क्या होता है।

डिग्री और डिप्लोमा कोर्स का उद्देश्य भी अलग-अलग होता है। डिग्री कोर्स किसी भी विषय के बारे में विस्तार से ज्ञान देता है, डिग्री का पाठ्यक्रम इस तरह का होता है कि स्टूडेंट्स को रुचि वाले विषय का गहाराई से ज्ञान हो जाए। जिस विषय में छात्र को रुचि होती है जिसका वह गहन अध्ययन करना चाहता है उस विषय में डिग्री कोर्स कर सकता है। डिग्री कोर्स ही ज्यादातर जॉब्स के लिए मान्य होता है।

डिप्लोमा कोर्स में किसी विषय विशेष के बारे में कम समय में पढ़ाया जाता है डिप्लोमा में छात्र को किसी एक व्यवसाय या पेशे के बारे में जानकारी दी जाती है। डिप्लोमा के पाठ्यक्रम में व्यवसाय या पेशे से जुड़े विषय पर पढ़ाई पर कराई जाती है और ज्ञान ज्यादा दिया जाता है। डिप्लोमा में कुछ दिन जॉब वर्क या इंटर्नशिप भी कराई जाती है।

किसी विषय में मास्टर डिग्री, एम.फिल या पीएच.डी. करने के लिए स्नातक डिग्री की आवश्यता होती है। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए डिग्री जरूरी है। जहां तक पेशेवर योग्यता की बात है तो डिग्री या डिप्लोमा से कोई खास फर्क नहीं पड़ता। देश के प्रतिष्ठित संस्थान भी अब डिप्लोमा कोर्स करवाने लगे हैं इस लिए इसे कम नहीं कहा जा सकता।

डिप्लोमा या डिग्री कोर्स में दाखिला लेने से पहले संस्थान की प्रतिष्ठा तथा मान्यता की जांच कर लेनी चाहिए। इसके साथ ही संस्थान की शिक्षा व शिक्षकों के स्तर व सुविधाओं के बारे में भी जानकारी जुटा लेनी चाहिए। जिस विषय में आपकी रुचि हो उसी विषय में डिग्री या डिप्लोंमा करना चाहिए।

उदाहरण के लिए

बीए, बीकॉम , बीएससी , बी टेक ,बी सी ए ये सभी डिग्री स्तर के कोर्स हैं

डी सी ए , PGDCA ये सभी डिप्लोमा कोर्स है

हम उम्मीद करते हैं कि  आप को अब डिग्री और डिप्लोमा कोर्स में अंतर समझ में आ गया होगा

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