भारत के सरहद के मगरमच्छ: BSF के ‘Creek Crocodile Commandos’ कैसे बनते हैं पाकिस्तान के घुसपैठियों का काल?

पाकिस्तान — एक नासूर, जो हर दिन भारत के लिए नई आफत लेकर आता है। घुसपैठ, आतंकवाद, तस्करी – यह सब एक सुनियोजित साजिश के तहत होता है, और इसका सबसे बड़ा निशाना होता है भारत। लेकिन हर बार जब पाकिस्तान की धरती से कोई नापाक साजिश रची जाती है, तब सीमा पर तैनात हमारे असली हीरो – BSF यानी सीमा सुरक्षा बलBSF के ‘ Creek Crocodile Commandos – उन साजिशों को ध्वस्त कर देते हैं।

भारत-पाकिस्तान सीमा पर ऐसे ही एक दलदली, जोखिम भरे इलाके में तैनात हैं BSF के ‘Creek Crocodile Commandos’, जो सर क्रीक के खतरनाक जलक्षेत्र को दुश्मनों के लिए श्मशान बना देते हैं।


सर क्रीक: भारत की सरहद पर एक अनदेखा युद्धक्षेत्र

सर क्रीक, गुजरात और पाकिस्तान के सिंध प्रांत के बीच 96 किलोमीटर लंबा दलदली इलाका है। यहां चारों तरफ मैंग्रोव का जंगल, खारा पानी, मगरमच्छ, जहरीले समुद्री सांप और कीड़े-मकोड़े हैं। यह इलाका जितना खतरनाक है, उतना ही संवेदनशील भी।

यहां स्थित है हरामी नाला, जिसे घुसपैठियों का ‘स्वर्ग’ कहा जाता है। मछुआरों के भेष में पाकिस्तान से आतंकी और तस्कर सालभर इस रूट से भारत में घुसने की कोशिश करते हैं। इसीलिए इसे गुजरात का सियाचिन भी कहा जाता है।


कौन हैं ‘Creek Crocodile Commandos’?

ये BSF कमांडो सर क्रीक के इन दलदली इलाकों में घंटों कीचड़ में छिपकर निगरानी करते हैं – जैसे मगरमच्छ अपने शिकार का इंतजार करता है। इनका मिशन होता है – छिपना, देखना, वार करना – लेकिन बिना किसी आहट के।

इन कमांडो को न केवल ज़मीन पर, बल्कि पानी के भीतर भी एक जैसी क्षमता से ऑपरेशन करने के लिए ट्रेंड किया जाता है। ये घंटों पानी में छिपे रह सकते हैं, दलदल में घुसे रह सकते हैं, और दुश्मन के बेहद करीब जाकर उसे ढेर कर सकते हैं – बिना किसी शोर के।


कैसे बनते हैं ये ‘मगरमच्छ कमांडो’?

‘Creek Crocodile Commando’ बनने के लिए जवानों को गुजरना होता है एक अग्निपरीक्षा से:

  • तैराकी और समुद्र में गोताखोरी में महारथ
  • अचूक निशाना और तेज निर्णय क्षमता
  • भूख-प्यास सहने का नैतिक बल
  • कीचड़, गर्मी, खारे पानी और मच्छरों के बीच हफ्तों तक टिके रहने की शक्ति

सर क्रीक के अलावा इन कमांडोज़ को पबेवारी क्रीक, व्यानवरी क्रीक, कूरी क्रीक, पीर सनाई क्रीक और देवरी क्रीक जैसे अन्य संवेदनशील क्षेत्रों की भी निगरानी करनी होती है।


26/11 के बाद भारत ने लिया सबक

26 नवंबर 2008 को मुंबई पर हुए भीषण हमले के बाद, जब पाकिस्तान से आए 10 आतंकियों ने समुद्र के रास्ते भारत पर हमला किया था, तब भारत ने तय किया कि अब समुद्री सीमा को अभेद्य बनाया जाएगा।

क्रीक क्रोकोडाइल कमांडो इसी संकल्प की उपज हैं। BSF ने सर क्रीक में 24×7 निगरानी के लिए इन्हें तैनात करना शुरू किया और आज ये कमांडोज दुश्मनों के लिए आग का दरिया बन चुके हैं।


साथ में डेजर्ट स्कॉर्पियन भी तैयार

BSF ने हाल ही में राजस्थान और गुजरात की सीमा पर ‘Creek Crocodile Commandos’ के साथ-साथ Desert Scorpion Commandos भी तैनात किए हैं, जो सूखे रेगिस्तानी इलाकों में एक जैसे घातक ऑपरेशन कर सकते हैं।

इन दोनों विशेष बलों को घुसपैठ रोकने, तस्करी के नेटवर्क तोड़ने, और आतंकी साजिशों को विफल करने के लिए हाई-टेक ट्रेनिंग दी जाती है।


स्पीड बोट से निकलते ही कांप उठते हैं दुश्मन

जब इन कमांडो को लेकर स्पीड बोट पानी में उतरती है, तो हरामी नाले से लेकर पाकिस्तान की सीमा तक सनसनी फैल जाती है। आतंकियों के होश उड़ जाते हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि अब उनका सामना ‘मगरमच्छों’ से होने वाला है।


निष्कर्ष: देश के असली रक्षक

सर क्रीक में तैनात ये ‘BSF Creek Crocodile Commandos’ वो नाम हैं, जिन्हें आम लोग शायद नहीं जानते, लेकिन पाकिस्तान के घुसपैठिए इन्हें डर और मौत के पर्याय के रूप में जानते हैं।

हर बार जब कोई आतंकवादी भारत में घुसने की सोचता है, उसे पहले गुजरना होता है इन भारत के मगरमच्छों से – जो सरहद के सच्चे प्रहरी हैं।


📌 अगर आपको ये आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे शेयर करें और भारत के इन गुमनाम हीरोज़ को सलाम करें।
🇮🇳 जय हिन्द!